जन स्वास्थ्य अभियान-इंडिया की राष्ट्रीय कार्यशाला : ‘सबके लिए स्वास्थ्य’ पर छत्तीसगढ़ की सशक्त भागीदारी

कबीरधाम: जन स्वास्थ्य अभियान-इंडिया (JSAI) ने 1 से 3 जुलाई, 2025 तक भोपाल में तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में देश भर के 10 राज्यों से 40 से अधिक प्रतिनिधियों, सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में दशकों से कार्यरत बुद्धिजीवियों, जमीनी कार्यकर्ताओं, नेटवर्क और नागरिक सामाजिक संगठनों के साथियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण, समावेशी एवं समतामूलक जनस्वास्थ्य तथा देखभाल सेवाओं की मजबूती और सार्वभौमीकरण से जुड़ी सैद्धांतिक अवधारणाओं और जमीनी प्रयासों पर गहन चर्चा करना था।
राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य समन्वयक चंद्रकांत यादव के नेतृत्व में एक सशक्त और सक्रिय दल ने हिस्सा लिया। इस दल में कबीरधाम से ज्योति साहू, जांजगीर-चांपा से चंद्रकुमारी लहरे, अंबागढ़ चौकी – मोहला-मानपुर से सुखदास मंडावी, रायपुर से चुन्नी जी, सोमा जी और कोरिया जिले से सुश्री मंती सिंह जैसे समर्पित स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल हुए। इन साथियों ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियों और संभावनाओं पर अपने मूल्यवान अनुभव और विचार साझा किए, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर चल रही चर्चाओं को एक नई दिशा मिली।
प्रतिनिधियों ने आगामी संसदीय मानसून सत्र (21 जुलाई, 2025 से शुरू होने जा रहा है) के मद्देनज़र, किसी भी नीति को बनाते समय आम जनता की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता देने और उनके जीने के अधिकार व स्वास्थ्य अधिकार को संरक्षित रखने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग रखी। उन्होंने वर्तमान की कॉर्पोरेट-संचालित स्वास्थ्य नीतियों पर गहरी चिंता जताई , जो लोगों की सेहत के प्रति असंवेदनशील हैं। आर्थिक अनैतिकता को बढ़ावा दे रही हैं। यह स्पष्ट किया गया कि कोविड-19 महामारी के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की चुनौती और निजी क्षेत्र की मुनाफाखोरी ने इन नीतियों की खामियों को स्पष्ट रूप से उजागर कर दिया था।
कार्यशाला में सार्वजनिक अस्पतालों और सेवाओं के निजीकरण या आउटसोर्सिंग पर रोक लगाने, फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों (जैसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ) के व्यावसायिक सुरक्षा और श्रम अधिकारों को सुनिश्चित करने, और आवश्यक एवं जीवनरक्षक दवाओं पर मूल्य नियंत्रण लागू करने सहित कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। जन स्वास्थ्य अभियान इंडिया ने इस वर्ष के अंत में राष्ट्रीय सम्मेलन और उसके पहले 10 राज्यों में क्षेत्रीय सम्मेलन व राज्य स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित करने का भी निर्णय लिया। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी ने इन महत्वपूर्ण विषयों एवं प्रस्तावों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।